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क्रिकेट का भगवान – करिश्माई सचिन

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सचिन रमेश तेंडुलकर एक ऐसी भारतीय हस्ती है जिसे हर आम भारतीय व्यक्ति अपने परिवार का सदस्य मानता है , सब उसकी खुशी में खुश होते है और दुःख में दुखी इसाका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, जब उनके शतकों का शतक पूरा होने में देरी हो रही थी , तब समाज का हर तबका हर व्यक्ति परेशान था, यहा तक ख़ुद सचिन ने कहा है हर दूसरा आदमी उनसे पूछता था कि वे शतक कब बनायेंगे ? अब ऐसा उनमें क्या है कि सभी ऐसा सोचते हैं वो ये है कि वो महानता को बहुत सरलता से प्रस्तुत कर देते हैं , एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखने वाला मराठी लड़का जिसने ऊँचाइयों को छुआ. सफलता कभी उनके सिर नही चढ़ी , हमेशा जमीन से जुड़े रहे कभी किसी विवाद को हवा नही दी ,चाहे वो मैच रेफरी माइक डेनिस द्वारा उनपर प्रतिबंध लगाना हो या उनके खराब फॉर्म को लेकर तरह तरह की आलोचना हो, उन्होंने सभी का जवाब बल्ले से दिया. हर आम भारतीय के लिए सचिन एक पारी के रुप में मन मस्तिष्क में दर्ज हैं जैसे मेरे मन में 1998 का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका पराक्रम दर्ज है और वो शायद वृद्धावस्था में या फिर मरने के बाद ही मन से जाएगा. क्रिकेट में धूमकेतु तो बहुत आयें और गए पर ध्रुव तारा तो एक ही है वो है मास्टर ब्लास्टर , जो आने वाले कई पीढ़ियों तक अपने कारनामों की वजह से याद रहेगा और उनको दिशा देता रहेगा.
सचिन क्यों महान हैं ? , ये प्रश्न ही निरर्थक है क्या रिकॉर्ड्स बुक खोलने की जरूरत है ? , एक खिलाड़ी जिसका उसे पूर्ववर्ति समकालीन और युवा सभी क्रिकेट जानने वाले , खेलेने वाले एक दृष्टि से सम्मान करते हैं,जहाँ लोग राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करते है वहाँ सचिन लगातार 24 वर्षों से शीर्ष पर थे . कई लोगों के कहना है कि सचिन मैच जिताऊँ नही थे ,वो ये समझ लें की क्रिकेट एक टीम गेम है और सचिन ने अपना योगदान पूरी निष्ठा से दिया. सचिन का सबसे बड़ा योगदान खेल को क्या है ? कुछ लोग कहेंगे की भारत को विश्व विजेता बनाना, या क्रिकेट को घर घर में पहुँचाना पर मैं कहूँगा की उन्होंने ने ना केवल क्रिकेट बल्कि अन्य खेलों या ये कहें कि सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता लाने की भावना को प्रबल किया है .
चाहे उनके कीर्तिमान रहे या नही,उनका योगदान, उनकी सरलता और उनकी उत्कृष्टता सदा प्रासंगिक और स्मरणीय रहेगी. मुझे गर्व है कि मैं उस कालखंड में पैदा हुआ और जिया जिसमे सचिन क्रिकेट खेला करते थे.
और मैं ये बात अपने आने वाले पीढ़ियों को भी ये बात बताऊँगा कि एक जीवित किवंदति है जिसका नाम सचिन तेंडुलकर .

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